सच कड़वा होता है झूठ मीठा, चलो माना Unknown October 31, 2018 सच कड़वा होता है झूठ मीठा चलो माना कड़वा सच ही हो. कड़वा दवा ही हो ये तो लाज़िम नहीं कड़वापन नफरत भी हो सकता है कड़वा जहर भी हो सक... Read More
विछोड़े का दर्द तो होता है यार ... Unknown October 29, 2018 विछोड़े का दर्द तो होता है यार बहुत होता है कभी कभी तो इतना कि दर्द से बंद हुए नैन हू-ब- हू देख लेते हैं जिस्म से जान निकलती विछोड़े का द... Read More
पारस ढूंढने से बेहतर है Unknown October 29, 2018 पारस ढूंढने से बेहतर है ,खुदी को तराश कर पारस बना लें । "चौहान" Read More
कोई कितना भी आम क्यों ना हो , दूर होने पर कहीं ना कहीं Unknown October 28, 2018 कोई कितना भी आम क्यों ना हो , दूर होने पर कहीं ना कहीं उनकी कमी महसूस होती है । किसी खाश की तरह, किसी अपने की तरह । "चौहान"... Read More
रंज से दिल जाए तो क्या कीजे । Unknown October 28, 2018 रंज से दिल जाए तो क्या कीजे । दर्द आंखों में आए तो क्या कीजे । "चौहान" Read More
नीले नैनों की गहरी झील में... Unknown October 27, 2018 नीले नैनों की गहरी झील में दिल की कश्ती उतार दूं अगर इजाज़त है तो ! "चौहान" Read More
सच की तलाश में उतरना पड़ता है Unknown October 27, 2018 सच की तलाश में उतरना पड़ता है गहरा बहुत गहरा मुश्किलों, बंदिशों से गच बीतती हर घड़ी नोचती है मन को सुकून को डूबने का डर रहता है संग फि... Read More
महबूब को जीता जा सकता है, हराया... Unknown October 25, 2018 महबूब को जीता जा सकता है, हराया नहीं जा सकता । "चौहान" Read More
दिल में हैं ग़म,तों पलक तले मोती क्यों है ? Unknown October 25, 2018 ग़ज़ल दिल में हैं ग़म,तों पलक तले मोती क्यों है ? पीड़ ए उलफ़त, सागर की तरह दिखती क्यों है ? गैरों से जो इक दिन , हो जाती है मोहब्बत, यारो... Read More
बाकमाल बाकमाल -1 Unknown October 25, 2018 मेरे अहसास में आ कर मेरी आंखों को बंद करना मैं कौन अकसर उनका कहना जाना जाना सा सवाल तनहाई का कमाल बाकमाल बाकमाल । "चौहान... Read More
यही तो शायरी है यही तो बंदगी है । Unknown October 24, 2018 शब्द बराबर शब्द का तौलना दर्द बराबर दर्द फरोलना अपने कातिल को कहना ढोलना यही तो शायरी है यही तो बंदगी है । "चौहान" Read More
बिखरे को जोड़ने का हुनर अगर नहीं, तो... Unknown October 23, 2018 बिखरे को जोड़ने का हुनर अगर नहीं, तो जुड़े को बिखरने से बचाने का गुन हम सब के लिए सीखना अति जरूरी है । " चौहान" Read More