जिगर मे, इक ख़्वाब की अग्नि अभी बाकी है ,दहक जाती है कहीं से, जब हवा आती है ।कह रहे हैं आँख से हम, हाल अपने दिल का,सुन सके तो सुन नज़र से, जो नज़र कहती है ।'चौहान"
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