चल चले ए दिल
जहां कोई हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई
ना हो
जहां जात पात ना हो
जहां ऊच नीच ना हो
जहां ईनसानीयत हो
चल चलें ए दिल
तनहाई का दर्द जहां
सकूं की बात करे
बात में आई बात
जहां रंगीन रात करे
चल चलें ए दिल
जहां हवाओं में खुशबू हो
जहां दिलों में आरजू हो
रंज हो ग़म हो मगर बेबसी ना हो
चल चलें ए दिल
जहां छलकते पैमाने हैं
जहां अपनॊं जैसे बेगाने हैं
जहां महकसों की महकसी है
जहां साकी है
जहां ख़ुदा है
जहां आशिकी है, शायरी है, बंदगी है , जिन्दगी है
चल चलें ए दिल
मैखाने चले ।
"चौहान
जहां कोई हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई
ना हो
जहां जात पात ना हो
जहां ऊच नीच ना हो
जहां ईनसानीयत हो
चल चलें ए दिल
तनहाई का दर्द जहां
सकूं की बात करे
बात में आई बात
जहां रंगीन रात करे
चल चलें ए दिल
जहां हवाओं में खुशबू हो
जहां दिलों में आरजू हो
रंज हो ग़म हो मगर बेबसी ना हो
चल चलें ए दिल
जहां छलकते पैमाने हैं
जहां अपनॊं जैसे बेगाने हैं
जहां महकसों की महकसी है
जहां साकी है
जहां ख़ुदा है
जहां आशिकी है, शायरी है, बंदगी है , जिन्दगी है
चल चलें ए दिल
मैखाने चले ।
"चौहान
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