फिर ना मिलेगे कह करदिन प्रतिदिन बीतते दिनगुज़र रहे हैंआपकी चुप्पी है अपनी जिद पर कायममेरी चुप्पी है अपनी जिद पर कायमये वादियाँ वो चांद तारेसब खूबसूरत नज़ारेहस रहे हैंहम दोनों पर ।"चौहान" ..
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